राजस्थान में किसान आंदोलन

राजस्थान में किसान आंदोलन राजस्थान में किसान आन्दोलन राजाओं, जागीरदारो, सामन्तों आदि के द्वारा जनता से लिए जाने वाले लाग-बाग, बेगार व कर के कारण राजस्थान में किसान आन्दोलन आरम्भ हुए थे। प्रमुख कर मालया मिलणोः- जागीरदारों द्वारा व्यापारियों व Read More …

1857 की क्रांति के अन्य प्रमुख विद्रोह

1857 की क्रांति में अन्य प्रमुख विद्रोह कोटा विद्रोह (15 अक्टूबर, 1857 ई.)- राजस्थान में सन् 1857 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कोटा का योगदान महत्वपूर्ण था। कोटा में विद्रोह जनता ने किया था। कोटा में 1857 की क्रान्ति Read More …

राजस्‍थान में 1857 की क्रान्ति

1857 की क्रान्ति ब्रिटिश शासन के विरूद्ध असंतोष होकर यहाँ के शासकों व सामन्तों ने विद्रोह किये थे। 1857 की क्रान्ति से पहले हुए भारत में प्रमुख विद्रोह- 1806- वैल्लोर का विद्रोह, 1824- बैरकपुर में विद्रोह, 1842- फिरोजपुर में विद्रोह। Read More …

भरतपुर का इतिहास

भरतपुर का इतिहास भरतपुर व धौलपुर में शासन जाटों ने किया था। भरतपुर के जाट शासक लक्ष्मण को अपना कुलदेवता मानते थे, राजस्थान में एकमात्र लक्ष्मण मन्दिर भरतपुर में ही हैं। भरतपुर के शासकों की कुलदेवी राजेश्वरी माता हैं। गोकुल Read More …

बीकानेर का इतिहास

बीकानेर का इतिहास राव जोधा के पांचवे पुत्र राव बीका ने करणीमाता के आशिर्वाद से 1488 ई. में अक्षय तृतीया/वैशाख शुक्ल तृतीया को बीकानेर की नींव रखी थी। अक्षय तृतीया को बीकानेर दिवस मनाया जाता हैं। बीकानेर की स्थापना करने Read More …

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मारवाड़ का इतिहास

मारवाड़ का इतिहास अरावली पर्वतमाला के पश्चिम का भाग मारवाड़ के नाम से जाना जाता हैं, मारवाड़ का प्राचीन नाम मरू था। इस प्रदेश में आरम्भ में शासन प्रतिहारों ने किया था, प्रतिहार यहाँ से कन्नौज चले गये थे। मारवाड़ Read More …

आमेर का इतिहास

आमेर का इतिहास आमेर पर शासन किया था कच्छवाहा वंश ने, कच्छवाहों को आमेर शिलालेख में रघुवंशी तिलक कहा गया हैं। आमेर रियासत का झण्डा पंचरंगा था- नीला, पीला, लाल, हरा व काला। इस झण्डे के बीच में सूर्य की Read More …

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मेवाड़ के इतिहास में महाराणा प्रताप का योगदान

मेवाड़ के इतिहास में महाराणा प्रताप का योगदान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप (1572- 1597 ई.) महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 ई. को कुम्भलगढ़ दुर्ग के कटारगढ़ के बादल महल में हुआ था। प्रताप का बचपन कुम्भलगढ़ में बीता Read More …

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मेवाड़ के इतिहास में अन्य महापुरुषों का परिचय

मेवाड़ के इतिहास में अन्य महापुरुषों का परिचय रायमल (1473 -1509 ई.)- रायमल ने राम, शंकर व समया संकट तीन तालाबों का निर्माण करवाया था जिनसे मेवाड़ में खेती को प्रोत्साहन दिया था। रायमल के दरबार में अर्जुन नामक शिल्पी Read More …

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मेवाड़ के इतिहास में महाराणा कुम्भा का योगदान

मेवाड़ के इतिहास में महाराणा कुम्भा का योगदान महाराणा कुम्भा (1433-1468 ई.)- महाराणा कुम्भा की अनेक उपाधियां थी- अभिनव भरताचार्य, हिन्दू सुतारण, राणेराय, राणोरासौ, राजगुरू, हालगुरू, दानगुरू, छापगुरू, परमगुरू, धीमान, शैलगुरू, तोडरमल, सुरग्रामणी, रावराय, चाणेराय। कुम्भा मेवाड़ के शासकों में Read More …

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