राजस्थान में रीति-रिवाज

राजस्थान में रीति-रिवाज भारत के अन्य प्रदेशों से आकर यहाँ बसने वाले लोगों के अतिरिक्त यहाँ की सभी जातियों के रीति-रिवाज मूलतः वैदिक परम्पराओं से संचालित होते आये है। यहाँ पर हिन्दूओं के रूढिगत रीति-रिवाजों से मुसलमानों तथा भील, मीणा, Read More …

राजस्थान में खान-पान

राजस्थान में खान-पान काँज्या:- गाजर के छोटे-छोटे टुकड़े कर उनको उबाल कर उनमें नमक-मिर्च डालकर बनाया जाने वाला खाद्य पदार्थ काँज्या कहलाता है। भाता/रोट/दोपेर्या:- राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रो में दोपहर के समय भोजन करने को भाता या रोट कहते हैं Read More …

राजस्थान में सुषिर वाद्य यंत्र

राजस्थान में सुषिर वाद्य यंत्र (स्वर या फूँक) इस श्रेणी में वे वाद्य यंत्र शामिल है जो फूँक से बजाये जाते है तथा वैदिक काल में इसे नादी या नाली नाम से सम्बोधित किया जाता था। यह वाद्य यंत्र लकड़ी Read More …

राजस्‍थान में अवनद्ध या ताल वाद्य यंत्र

अवनद्ध या ताल वाद्य यंत्र ऐसे वाद्य यंत्र जो लकड़ी या किसी धातु के बने होते जो गोलाकार या अर्द्धगोलाकार घेरे पर पशुओं की खाल मढ़ कर बनाया जाता हैं, उसे अवनद्ध या ताल वाद्य यंत्र कहा जाता हैं। इन Read More …

राजस्थान में तत् वाद्य यंत्र

राजस्थान में तत् वाद्य यंत्र ऐसे वाद्य यंत्र जो लकड़ी या किसी धातु का बना होता हैं। लेकिन इसको बजाने के लिए तारों का प्रयोग होता हैं। इसलिए इन्हें तत् वाद्य यंत्र कहते हैं। इनको तीन भागों में बांटा गया Read More …

राजस्थान में घन वाद्य यंत्र

राजस्थान में घन वाद्य यंत्र संगीत की लय ध्वनि तथा संगीत का उतार-चढ़ाव (गति) प्रकट करने वाले उपकरण वाद्ययंत्र कहलाते हैं गीतों व नृत्यों की माधुर्य वृद्धि के साथ ही वातावरण निर्माण एव भावाभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने का कार्य होता Read More …

राजस्थान के प्रमुख लोकनाट्य

राजस्थान के प्रमुख लोकनाट्य राज्य की पारम्परिक एवं विलुप्त हो रही कलाओं के संरक्षण, खोज तथा संवर्द्धन करने के लिए भारतीय लोक कला मण्डन संस्थान, उदयपुर हैं। लोकनाट्य में भक्ति के साथ- साथ मनोरंजन व अराधना के भाव भी प्रकट Read More …

राजस्थान के प्रमुख लोकगीत

राजस्थान के प्रमुख लोकगीत राजस्थानी लोकगीतों के प्रकाशित संग्रह- खेताराम माली- मारवाड़ी गीत संग्रह सरदारमल थानवी- मरूधर गीत माला व घुड़ले के 9 गीत विद्याधरी देवी- असली मारवाड़ी गीत संग्रह विद्वान्त्रय – राजस्थान के लोकगीत मेहता रघुनाथ सिंह- जैसलमेरिया संगीत Read More …

राजस्थान के पशु मेले

राजस्थान के पशु मेले राजस्थान के पशु मेलों के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य साहबा (चुरू) में सिखों का सबसे बड़ा मेला भरता है, जबकि सहरिया जनजाति का कुंभ सीताबाड़ी मेला हैं, तो भींलो का सबसे बड़ा मेला बेणेश्वpर है। बेणेश्वर Read More …

राजस्थान की प्रमुख हवेलियाँ

राजस्थान की प्रमुख हवेलियाँ पटवों की हवेली- जैसलमेर 5 मंजिली इस हवेली में सिन्ध, भारत, मुगल व यहूदी स्थापत्य कला का अद्भूत संगम मिलता हैं। यह हवेली पत्थरों की जाली व कटाई के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। नथमल की हवेली Read More …