लोकोक्तियाँ / कहावतें
(Phrases / Proverbs)
‘लोक में प्रचलित उक्ति’, लोकोक्ति या कहावत कहलाती है। किसी विशेष प्रसंग में पूरा कथन उद्धृत किया जाता है तो वह लोकोक्ति कहलाता है। जैसे – किसी कार्य को लेकर मोहन ने कहा कि मैं अकेला ही यह कार्य कर लूँगा। इस बात को सूनकर उसके साथी हँसकर बोलते है, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता। यहाँ ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’ लोकोक्ति का प्रयोग किया गया है।
लोकोक्तियों के उदाहरण –
लोकोक्ति → न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी
अर्थ → मूल तथ्य/कारण को समाप्त करना
लोकोक्ति →ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया
अर्थ → पूर्णतया असमान स्थिति होना
लोकोक्ति → आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
अर्थ → महान उद्देश्य से भटककर गौण उद्देश्य में लग जाना
लोकोक्ति → साँप भी मर जाये लाठी भी ना टूटे
अर्थ → काम भी हो जाए और नुकसान भी न हो
लोकोक्ति → चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
अर्थ → क्षणिक सुख और लंबे समय का दु:ख
लोकोक्ति → एक अनार सौ बीमार
अर्थ → आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त
लोकोक्ति → अँधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपनों को दे
अर्थ → स्वार्थी द्वारा अपनों को लाभ पहुँचाना
लोकोक्ति → खरी मजूरी-चोखा दाम
अर्थ → मेहनत में मिले नकद दाम अच्दे होते हैं
लोकोक्ति → सहज पके सो मीठा होय
अर्थ → उचित समय आने पर कार्य-लाभ
लोकोक्ति → सावन हरे न भादो सूखे
अर्थ → सदैव एक समान रहना
लोकोक्ति → अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अर्थ → नुकसान हो जाने के बाद पछताने से क्या लाभ
लोकोक्ति → अपना हाथ जगन्नाथ
अर्थ → स्वयं द्वारा किया गया कार्य ही भरोसेमंद होता है
लोकोक्ति → अक्ल बड़ी या भैंस
अर्थ → बाहुबल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है
लोकोक्ति → अपनी ढपली अपना राग
अर्थ → अलग-अलग मत रखना
लोकोक्ति → बिन माँगे मोती मिले माँगे मिले न भीख
अर्थ → भाग्य का लिखा मिलना
लोकोक्ति → आम के आम गुठलियों के दाम
अर्थ → दोहरा लाभ होना
लोकोक्ति → अपनी पगड़ी अपने हाथ
अर्थ → अपनी इज्जत अपने हाथ
लोकोक्ति → उलटे बाँस बरेली को
अर्थ → उत्पत्ति क्षेत्र में उसी वस्तु का आयात
लोकोक्ति → अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
अर्थ → अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता/संगठन में शक्ति है।
लोकोक्ति → अधजल गगरी छलकत जाए
अर्थ → ओछा व्यक्ति ज्यादा इतराता है
लोकोक्ति → अंधे की लकड़ी
अर्थ → एकमात्र सहारा
लोकोक्ति → आँख का अंधा नाम नैनसुख
अर्थ → गुणों के विपरीत नाम
लोकोक्ति → अंधे के हाथ बटेर
अर्थ → अनायास लाभ प्राप्ति / अपात्र को स्तरीय वस्तु मिलना
लोकोक्ति → अंधेर नगरी चौपट राजा
अर्थ → कुप्रशासन / मूर्ख मुखिया महामूर्ख जनता
लोकोक्ति → गेहूँ के साथ घुन भी पिसता है
अर्थ → दोषी के साथ निर्दोष को सजा मिलना
लोकोक्ति → अपनी करनी पार उतरनी
अर्थ → अपना किया कार्य ही शुभ होता है
लोकोक्ति → अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अर्थ → अपने घर में निर्बल भी बलवान होता है
लोकोक्ति → अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना
अर्थ → अपनी तारीफ खुद करना/अपनी बड़ाई आप करना
लोकोक्ति → अभी दिल्ली दूर है
अर्थ → लक्ष्य से दूर होना
लोकोक्ति → अंधी पीसे कुत्ता खाय
अर्थ → किसी के परिश्रम का अयोग्य द्वारा लाभ उठाना
लोकोक्ति → उलटी गंगा बहना
अर्थ → परम्परा के विरुद्ध कार्य करना
लोकोक्ति → ऊँची दुकान फीका पकवान
अर्थ → दिखावा ज्यादा और वास्तविकता कम
लोकोक्ति → ऊँट के मुँह में जीरा
अर्थ → आवश्यकता से बहुत कम मिलना
लोकोक्ति → एक मुँह दो बात
अर्थ → अपनी बात से मुकर जाना
लोकोक्ति → कानी के ब्याह में कौतक ही कौतक
अर्थ → एक दोष के होने पर अनेक दोषों का आ जाना
लोकोक्ति → आ बैल मुझे मार
अर्थ → जान-बूझकर विपत्ति मोल लेना
लोकोक्ति → आसमान से गिरा खजूर में अटका
अर्थ → एक विपत्ति के बाद दूसरी विपत्ति आना
लोकोक्ति → आगे कुआं पीछे खाई
अर्थ → दोनों तरफ संकट
लोकोक्ति → इन तिलों में तेल नहीं
अर्थ → किसी भी लाभ की आशा न होना
लोकोक्ति → उलटा चोर कोतवाल को डाँटे
अर्थ → दोषी द्वारा निर्दोष पर दोषारोपण करना
लोकोक्ति → काबुल में क्या गधे नहीं होते
अर्थ → अपवाद हर जगह होते हैं
लोकोक्ति → ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डरना
अर्थ → जान बूझकर ली गई मुसीबत से कैसा डरना
लोकोक्ति → कहने से कुम्हार गधे पर नहीं चढ़ता
अर्थ → अड़ियल व्यक्ति दूसरों की सीख नहीं मानता
लोकोक्ति → कर ले सो काम, भज ले सो राम
अर्थ → समय रहते कार्य पूर्ण कर लेना अच्छा रहता है
लोकोक्ति → कौआ चले हंस की चाल
अर्थ → दुष्टों द्वारा शुभ कार्यों का दिखावा करना
लोकोक्ति → कोयले की दलाली में हाथ काले
अर्थ → बुरों के सान्निध्य में बुरा परिणाम
लोकोक्ति → कंगाली में आटा गीला
अर्थ → संकट में और संकट आना
लोकोक्ति → काठ की हाँडी एक बार ही चढ़ती है
अर्थ → धोखेबाजी बार-बार नहीं चलती
लोकोक्ति → काम का न काज का, दुश्मन अनाज का
अर्थ → निकम्मा या कमजोर आदमी
लोकोक्ति → काँख में छोरा शहर में ढिंढोरा
अर्थ → वस्तु पास में और तलाश दूर-दूर तक
लोकोक्ति →खरबूज को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
अर्थ → एक को देखकर दूसरे में परिवर्तन आना
लोकोक्ति → खोदा पहाड़ निकली चुहिया
अर्थ → अधिक परिश्रम कम लाभ
लोकोक्ति → खूँटे के बल बछड़ा कूदे
अर्थ → दूसरे की ताकत के भरोसे अकड़ दिखाना
लोकोक्ति → गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज
अर्थ → झूठ और प्रपंच रचना
लोकोक्ति → घर की मुर्गी दाल बराबर
अर्थ → अपनी वस्तु या व्यक्ति की कद्र नहीं होती
लोकोक्ति → चोर की दाढ़ी में तिनका
अर्थ → दोषी के व्यवहार द्वारा दोष का संकेत मिलना
लोकोक्ति → छोटा मुँह बड़ी बात
अर्थ → अपनी औकात से अधिक बात करना
लोकोक्ति → जिसकी लाठी उसकी भैंस
अर्थ → शक्तिशाली की विजय
लोकोक्ति → जंगल में मोर नाचा किसने देखा
अर्थ → ऐसे स्थान पर गुण प्रदर्शन न करें जहाँ कद्र न हो
लोकोक्ति → जल में रहकर मगर से बैर
अर्थ → समीपस्थ शक्तिशाली से शत्रुता ठीक नहीं
लोकोक्ति → चटमंगनी पट ब्याह
अर्थ → तत्काल कार्य करना
लोकोक्ति → चलती का नाम गाड़ी
अर्थ → जिसका धंधा चल निकले वही चतुर
लोकोक्ति → चील के घौंसले में माँस कहाँ
अर्थ → कुछ भी शेष न बचना
लोकोक्ति → चोरी का माल मोरी में
अर्थ → हराम की कमाई व्यर्थ नष्ट होती है
लोकोक्ति → चोरी और सीना जोरी
अर्थ → एक तो अपराध उस पर भी अकड़ना
लोकोक्ति →जो गरजते हैं वे बरसते नहीं
अर्थ → कथनी और करनी में अन्तर
लोकोक्ति → झूठ के पाँव नहीं होते
अर्थ → झूठ अधिक दिन नहीं चलता
लोकोक्ति → ठंडा लोहा गर्म को काट देता है
अर्थ → शांत व्यक्ति क्रोधी को नष्ट कर देता है
लोकोक्ति → ठोकर लगे तब आँख खुले
अर्थ → कुछ खोकर ही अक्ल आती है
लोकोक्ति → डूबते को तिनके का सहारा
अर्थ → विपत्ति में थोड़ी मदद ही उबार देती है
लोकोक्ति →जब तक साँस तब तक आस
अर्थ → अंतिम क्षण तक भरोसा रखना
लोकोक्ति → जैसा देश वैसा भेष
अर्थ → परिस्थितियों के अनुरूप आचरण करना
लोकोक्ति → जहाँ चाह वहाँ राह
अर्थ → इच्छा शक्ति होने पर मंजिल आसान होती है
लोकोक्ति → जितने मुँह उतनी बातें
अर्थ → भाँति-भाँति की अपवाहें
लोकोक्ति → जिस थाली में खाना उसी में छेद करना
अर्थ → उपकार के बदले कृतघ्नता
लोकोक्ति → तू डाल-डाल मैं पात-पात
अर्थ → एक से बढ़कर दूसरा चालाक
लोकोक्ति → तुरन्त दान महा कल्याण
अर्थ → शुभ कार्य में देरी कैसी
लोकोक्ति → थोथा चना बाजे घना
अर्थ → निकम्मा व्यक्ति अधिक डींग हाँकता है
लोकोक्ति → दीवारों के भी कान होते हैं
अर्थ → गोपनीय बात अधिक संवेदनशील होती है
लोकोक्ति → दुधारू गाय की लात भी सहते हैं
अर्थ → गुणी व्यक्ति की धोंस भी झेलनी पड़ती है
लोकोक्ति → दूध का जला छाछ को भी फूँक-फूँक कर पीता है
अर्थ → एक बार धोखा खाया व्यक्ति दुबारा सावधानी रखता है
लोकोक्ति → दूध का दूध पानी का पानी
अर्थ → निष्पक्ष न्याय करना
लोकोक्ति → धोबी का कुत्ता घर का न घाट का
अर्थ → द्विपक्षीय व्यक्ति कहीं का नहीं रहता
लोकोक्ति → न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी
अर्थ → असंभव शर्त रखना
लोकोक्ति → नाच न जाने आँगन टेढ़ा
अर्थ → अपनी अयोग्यता का दोष दूसरों को देना
लोकोक्ति → बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
अर्थ → मूर्ख किसी भी वस्तु की कद्र नहीं जानता
लोकोक्ति → बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी
अर्थ → होनी को कब तक टाला जा सकता है
लोकोक्ति → बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना
अर्थ → अयोग्य को भी अप्रत्याशित लाभ मिलना
लोकोक्ति → बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती
अर्थ → बिना प्रयास के कुछ भी प्राप्त नहीं होता
लोकोक्ति → मन चंगा तो कठौती में गंगा
अर्थ → मन की पवित्रता सर्वोपरि
लोकोक्ति → मान न मान मैं तेरा मेहमान
अर्थ → जबरदस्ती किसी के गले पड़ना
लोकोक्ति → राम नाम जपना पराया माल अपना
अर्थ → ऊपर से महात्मा असल में ठग
लोकोक्ति → लातों के भूत बातों से नहीं मानते
अर्थ → कामचोरों काम करवाने के लिए कड़ाई से पेश आना पड़ता है
लोकोक्ति → विनाश काले विपरीत बुद्धि
अर्थ → प्रतिकूल समय आने पर विवेक नष्ट होना
लोकोक्ति → हाथ कंगन को आरसी क्या
अर्थ → प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती
लोकोक्ति → नंगा क्या नहाएगा, क्या निचोड़ेगा
अर्थ → गरीब के पास खोने के लिए कुछ नहीं होता
लोकोक्ति → नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अर्थ → धीमी गति से काम करना
लोकोक्ति → नाम बड़े और दर्शन छोटे
अर्थ → प्रसिद्धि बहुत किन्तु वास्तविकता में कुछ भी न होना
लोकोक्ति → नेकी और पूछ-पूछ
अर्थ → भलाई के काम करने में कैसी पूछताछ
लोकोक्ति → पाँचों अँगुलियाँ बराबर नहीं होती
अर्थ → सभी इंसान एक जैसे नहीं होते
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